होम लोन ब्याज और रेंटल आय सेट-ऑफ का उपयोग करके नई कर व्यवस्था (FY 2025–26) के तहत कर देनदारी को कैसे कम करें।
नई कर व्यवस्था (FY 2025–26) के तहत टैक्स देनदारी को कम करने के लिए होम लोन ब्याज और रेंटल इनकम सेट-ऑफ का उपयोग कैसे करें, यह जानें।
Post last updated: October 31, 2025

शुरुआती वित्तीय वर्ष 2025–26 से भारत का नया कर प्रणाली (New Tax Regime) अब सभी करदाताओं के लिए डिफ़ॉल्ट विकल्प बन गया है। इसमें कम कर दरें हैं, लेकिन पहले उपलब्ध अधिकांश पारंपरिक कटौतियाँ अब सीमित कर दी गई हैं।
फिर भी, कर बचत का एक कानूनी और प्रभावी तरीका अब भी मौजूद है — यानी होम लोन के ब्याज को किराए की आय से समायोजित करना। अगर इसे सही तरह से लागू किया जाए, तो यह आपकी कर देयता (Tax Liability) को काफी हद तक कम कर सकता है।
🔹 वित्त वर्ष 2025–26 के लिए क्या नया है
- स्टैंडर्ड डिडक्शन: वेतनभोगी और पेंशनधारकों के लिए ₹75,000 ✅
- धारा 87A के तहत रिबेट: ₹60,000 (यदि कर योग्य आय ₹12 लाख तक है) ✅
- 80C, HRA, LTA और बीमा प्रीमियम जैसी कटौतियाँ ❌ अब लागू नहीं हैं
- किराए पर दी गई संपत्ति के होम लोन ब्याज पर छूट: ✅ धारा 24(b) के तहत अब भी उपलब्ध
- नया कर प्रणाली (धारा 115BAC) अब डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था है
🏠 होम लोन ब्याज और किराया आय समायोजन को समझें
आयकर अधिनियम की धारा 24(b) के तहत, करदाता किराए पर दी गई संपत्ति के लिए लिए गए होम लोन के ब्याज पर छूट प्राप्त कर सकते हैं।
यह ऐसे काम करता है:
- वर्षभर में प्राप्त कुल किराया आय जोड़ें।
- उस संपत्ति पर चुकाया गया होम लोन ब्याज घटाएँ।
- यदि ब्याज किराया आय से अधिक है, तो अंतर को हाउस प्रॉपर्टी से हानि माना जाता है।
- आप इस हानि को अन्य आय (जैसे वेतन या व्यवसाय) से ₹2 लाख प्रति वर्ष तक समायोजित कर सकते हैं।
- ₹2 लाख से अधिक की हानि को अधिकतम 8 वर्षों तक आगे ले जाया जा सकता है ताकि भविष्य की किराया आय से समायोजित की जा सके।
⚠️ ध्यान दें: धारा 115BAC (नई व्यवस्था) के अंतर्गत हानि समायोजन और आगे ले जाने पर कुछ सीमाएँ हैं।
यदि आपकी स्थिति जटिल है या हानि ₹2 लाख से अधिक है, तो किसी कर विशेषज्ञ (CA) से सलाह लें।
💡 एक व्यावहारिक उदाहरण (FY 2025–26)
| घटक | राशि |
|---|---|
| वार्षिक वेतन | ₹20,00,000 |
| होम लोन ब्याज | ₹2,50,000 |
| किराया आय | ₹1,00,000 |
| स्टैंडर्ड डिडक्शन | ₹75,000 |
चरण 1: शुद्ध किराया आय की गणना
किराया आय – होम लोन ब्याज = ₹1,00,000 – ₹2,50,000 = (₹1,50,000)
इससे आपको ₹1.5 लाख की हाउस प्रॉपर्टी हानि होती है।
चरण 2: इस हानि को वेतन आय से समायोजित करें
| विवरण | राशि |
|---|---|
| सकल वेतन | ₹20,00,000 |
| घटाएँ: स्टैंडर्ड डिडक्शन | ₹75,000 |
| शुद्ध वेतन | ₹19,25,000 |
| घटाएँ: हाउस प्रॉपर्टी हानि | ₹1,50,000 |
| कर योग्य आय | ₹17,75,000 |
चरण 3: नई स्लैब के अनुसार कर की गणना
| आय सीमा | कर दर |
|---|---|
| ₹0 – ₹4 लाख | 0% |
| ₹4 – ₹8 लाख | 5% |
| ₹8 – ₹12 लाख | 10% |
| ₹12 – ₹16 लाख | 15% |
| ₹16 – ₹20 लाख | 20% |
| ₹20 – ₹24 लाख | 25% |
| ₹24 लाख से ऊपर | 30% |
सेस से पहले कर:
| परिदृश्य | कर योग्य आय | अनुमानित कर |
|---|---|---|
| बिना समायोजन | ₹19,25,000 | ₹1,85,000 |
| समायोजन के बाद | ₹17,75,000 | ₹1,55,000 |
| कर बचत | ₹30,000 | |
| जोड़ें 4% सेस | कुल बचत ≈ ₹31,200 |
✅ संक्षेप में: होम लोन ब्याज समायोजन से आप हर साल लगभग ₹31,000 की कर बचत कर सकते हैं।
🔹 धारा 24(b) का सारांश
| प्रावधान | नई कर प्रणाली में उपलब्ध? | टिप्पणी |
|---|---|---|
| किराए पर दी गई संपत्ति पर होम लोन ब्याज | ✅ हाँ, ₹2 लाख तक | “हाउस प्रॉपर्टी आय” से घटाया जा सकता है |
| मूलधन चुकौती (धारा 80C) | ❌ नहीं | नई व्यवस्था में लागू नहीं |
| हाउस प्रॉपर्टी हानि का आगे ले जाना | ⚠️ सीमित | केवल भविष्य की किराया आय से समायोजन के लिए |
| किराया आय की घोषणा | ✅ आवश्यक | रिश्तेदारों को किराया देने पर भी |
| स्टैंडर्ड डिडक्शन | ✅ ₹75,000 | |
| धारा 87A रिबेट | ✅ ₹60,000 (यदि आय ₹12 लाख तक) |
💡 कर बचत बढ़ाने के सरल सुझाव
- 📝 हमेशा रजिस्टर्ड किराया अनुबंध (Rent Agreement) बनवाएँ — चाहे किराएदार परिवार का सदस्य ही क्यों न हो।
- 🏠 किराया राशि यथार्थवादी रखें, सामान्यतः ₹8,000–₹10,000 प्रति माह।
- 📜 बैंक ट्रांजैक्शन या रसीदें रखें जो किराए का प्रमाण दें।
- 🧾 अपने बैंक से होम लोन ब्याज प्रमाणपत्र (Interest Certificate) प्राप्त करें।
- 📄 आयकर रिटर्न (ITR) भरते समय किराया आय और ब्याज छूट को सही ढंग से दर्शाएँ।
❓ सामान्य प्रश्न
Q1. क्या मैं लोन के मूलधन पर धारा 80C के तहत छूट पा सकता हूँ?
❌ नहीं। नई कर व्यवस्था में 80C की कटौतियाँ लागू नहीं हैं।
Q2. अगर मेरी संपत्ति खाली है तो क्या होगा?
⚠️ यदि आपके पास एक से अधिक संपत्तियाँ हैं, तो खाली संपत्ति पर काल्पनिक किराया (Notional Rent) दिखाना पड़ सकता है।
Q3. क्या मैं हाउस प्रॉपर्टी हानि आगे ले जा सकता हूँ?
✅ हाँ, लेकिन केवल भविष्य की “हाउस प्रॉपर्टी आय” से समायोजित करने के लिए — धारा 115BAC की सीमाओं के अधीन।
Q4. ₹60,000 की धारा 87A रिबेट कैसे काम करती है?
✅ यदि आपकी कर योग्य आय ₹12 लाख तक है, तो ₹60,000 की रिबेट मिलेगी — यानी ₹12.75 लाख तक की आय पर शून्य कर देयता।
🧾 निष्कर्ष
हालाँकि नई कर प्रणाली में कई पारंपरिक कटौतियाँ समाप्त हो गई हैं,
लेकिन होम लोन ब्याज समायोजन अब भी एक स्मार्ट और कानूनी तरीका है टैक्स बचाने का।
✅ अपनी संपत्ति किराए पर दें
✅ धारा 24(b) के तहत ब्याज कटौती का दावा करें
✅ कर योग्य आय घटाएँ
💰 और हर साल ₹30,000–₹35,000 की बचत करें — वह भी आसानी से
अस्वीकरण:
कर नियम समय-समय पर बदलते रहते हैं। रिटर्न दाखिल करने से पहले हमेशा नवीनतम CBDT अधिसूचनाओं की जाँच करें या किसी योग्य चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह लें।
📚 संदर्भ और आधिकारिक स्रोत
-
संघ बजट 2025 – वित्त विधेयक मुख्य बिंदु, भारत सरकार
→ https://www.indiabudget.gov.in -
CBDT FAQ: नई कर प्रणाली (धारा 115BAC) – स्टैंडर्ड डिडक्शन ₹75,000
→ https://incometaxindia.gov.in -
धारा 24(b) – किराए पर दी गई संपत्ति के लिए होम लोन ब्याज
→ https://www.incometaxindia.gov.in/Acts/Income-tax%20Act%2C%201961/102120000000006671.htm
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